उन्नाव की फैक्ट्री में खुलेआम पशु क्रूरता पर कार्रवाई शुरू — ‘खबर का असर’

AOV Exports Pvt. Ltd. के खिलाफ जांच के आदेश, पशुपालन विभाग और प्रशासन हरकत में आया

उन्नाव, उत्तर प्रदेशAOV Exports Pvt. Ltd. में चल रही पशु क्रूरता और अवैध कत्ल के खुलासे के बाद आखिरकार प्रशासन की नींद टूटी है। हाल ही में सामने आई मीडिया रिपोर्ट और सोशल मीडिया पर जनता के आक्रोश के बाद अब पशुपालन विभाग और जिला प्रशासन ने संयुक्त जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

क्या था मामला?

बीते कुछ महीने पहले सामने आई एक ग्राउंड रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि उन्नाव की यह फैक्ट्री भैंसों को अवैध रूप से ट्रकों में भरकर लाती है, चाहे वे गर्भवती हों या दूध देने वाली। बिना किसी बेहोशी की प्रक्रिया के उनका वध किया जाता है, जिससे न केवल पशु क्रूरता अधिनियम 1960 बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 48 और 51A(g) का भी उल्लंघन होता है।


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AWBI के आदेश के बाद बढ़ा दबाव

Animal Welfare Board of India (AWBI) की सहायक सचिव श्रीमती प्राची जैन द्वारा 3 जून 2025 को जारी आधिकारिक आदेश में सभी राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि पशुओं की अवैध ढुलाई और वध पर सख़्ती से रोक लगाई जाए। इस आदेश की कॉपी सामने आने के बाद खलबली मच गयी.

अब तक क्या हुआ?

✅ उन्नाव जिला प्रशासन ने फैक्ट्री के खिलाफ प्राथमिक जांच शुरू कर दी है।
✅ फैक्ट्री के ट्रक चालकों और परिवहन दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
पशुपालन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट तैयार की है।
स्थानीय पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि इस तरह की गतिविधियों पर निगरानी रखी जाए और FIR दर्ज की जाए।

स्थानीय लोगों और पशु प्रेमियों ने मीडिया की इस रिपोर्ट और सोशल मीडिया अभियान को धन्यवाद कहा है। वे मानते हैं कि अगर आवाज उठाई जाए तो प्रशासन भी जवाबदेह होता है।

🔹 AOV Exports Pvt. Ltd. की फैक्ट्री की पूरी लाइसेंस प्रक्रिया और गतिविधियों की गहन जांच होगी।

🔹इस सम्बन्ध में एक RTI भी डाली जा चुकी है

🔹 AWBI को तिमाही रिपोर्ट भेजने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।

🔹 दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तय मानी जा रही है।


रिपोर्ट: प्रशांत त्रिपाठी, लखनऊ

खबर का असर: मीडिया की रिपोर्टिंग से जागा प्रशासन, पशु अधिकारों को मिली आवाज


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