उन्नाव: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की धरती आज कराह रही है। वजह? यहां की कुख्यात अरोरा फैक्ट्री — यानी AOV Exports Pvt. Ltd. में खुलेआम पशु क्रूरता का नंगा नाच हो रहा है। नर और मादा दोनों भैंसों को धड़ल्ले से ट्रकों में ठूंस-ठूंस कर लाया जा रहा है। मकसद एक ही — कत्ल, और फिर विदेशों में उनके मांस का निर्यात!
लेकिन सबसे बड़ा सवाल — क्या शासन-प्रशासन अंधा है या इस काले कारोबार का साझेदार?
ग्राउंड रिपोर्ट्स और स्थानीय सूत्रों की मानें, तो फैक्ट्री में पशुओं को काटने से पहले किसी भी मानवीय या कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता। भैंसें गर्भवती हैं या दूध दे रही — इससे फर्क नहीं पड़ता। यहां सिर्फ एक ही चीज़ मायने रखती है — "कितना किलो मांस निकलेगा?"
पशु क्रूरता अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, और प्रशासन जानकर भी आंखें मूंदे बैठा है। AOV Exports Pvt. Ltd. को मानो शासन का वरदहस्त प्राप्त हो — वरना रोज़ाना दर्जनों ट्रकों में भरकर आने वाले जानवरों की जांच आखिर कौन रोक रहा है?
जहां एक तरफ देश में गौवंश संरक्षण के नाम पर सियासत गर्म रहती है, वहीं उन्नाव की इस फैक्ट्री में भैंसों का कत्ल सरकारी मौन की छाया में बेधड़क जारी है।
“कत्लखाने में इंसानियत भी दम तोड़ चुकी है”
उन्नाव के अरोरा फैक्ट्री में नर-मादा भैंसों को बेरहमी से काटने के लिए लाया जा रहा है।
— निपुण भारत समाचार | Nipun Bharat Samachar (@NipunBharatSama) May 2, 2025
पशु क्रूरता कानूनों को दरकिनार कर उनके अधिकारों का खुला उल्लंघन हो रहा है।
क्या प्रशासन सो रहा है?#AnimalCruelty #Unnao #SaveBuffaloes #JusticeForAnimals #StopSlaughter@Dept_of_AHD pic.twitter.com/gC50h50FtR
कानून को कुचलती “निर्यात नीति”
चुप क्यों है शासन?
रिपोर्ट: प्रशांत त्रिपाठी
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