SSC परीक्षाओं में गड़बड़ी: निजी एजेंसियों की लापरवाही से बढ़ी युवाओं की नाराज़गी

नई दिल्ली, जुलाई 2025: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की हालिया परीक्षाओं में सामने आई अनियमितताओं ने एक बार फिर सरकारी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़ी इस परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर छात्रों और विशेषज्ञों दोनों में आक्रोश है।

परीक्षा प्रणाली पर संकट

SSC परीक्षाएं, जिनके ज़रिए केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में भर्ती होती है, लंबे समय से विवादों से घिरी रही हैं। इस बार परीक्षा केंद्रों पर तकनीकी खराबी, समय पर प्रश्न पत्र न पहुंचना, और कई जगहों पर पेपर लीक जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं।

इसके अतिरिक्त, कुछ केंद्रों पर महिला परीक्षार्थियों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर लापरवाही की खबरें आई हैं। अभ्यर्थियों ने बताया कि उन्हें बिना महिला स्टाफ की मौजूदगी के चेक किया गया, CCTV कैमरे बंद थे और सुरक्षा के नाम पर कोई विशेष इंतज़ाम नहीं थे।

निजी एजेंसियों की भूमिका पर उठे सवाल

सरकारी परीक्षा आयोजित कराने की ज़िम्मेदारी अब अधिकतर मामलों में निजी कंपनियों को सौंप दी जाती है। इन कंपनियों की नीयत और दक्षता दोनों पर अब सवाल उठ रहे हैं।

"सरकार ने परीक्षा का काम ठेके पर देकर युवाओं के भविष्य को जोखिम में डाल दिया है। जब पारदर्शिता और सुरक्षा की बात आती है, तो ठेकेदार मानसिकता नहीं चल सकती।"
रवि शर्मा, प्रतियोगी परीक्षा के प्रशिक्षक

छात्रों का गुस्सा उबाल पर

परीक्षा में शामिल हुए कई अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो और पोस्ट के माध्यम से अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है। उन्होंने यह भी कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट तक जाने को तैयार हैं।

कुछ प्रमुख शिकायतें:

  • प्रश्न पत्र समय से पहले लीक होना

  • सर्वर और नेटवर्क की बार-बार विफलता

  • महिला अभ्यर्थियों की सुरक्षा में चूक

  • परीक्षा केंद्रों पर अव्यवस्था

  • हेल्पलाइन नंबरों पर जवाब न मिलना

औपचारिक शिकायत और कार्रवाई की मांग

एक वरिष्ठ सांसद ने SSC अध्यक्ष को औपचारिक पत्र लिखते हुए मामले की जांच और ज़िम्मेदार एजेंसियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही यह भी सुझाव दिया गया है कि परीक्षा की प्रक्रिया में सीधा सरकारी नियंत्रण बढ़ाया जाए।

"युवाओं का भविष्य दांव पर है। ये सिर्फ परीक्षा की बात नहीं है, ये देश के भरोसे का सवाल है।"
पत्र में उल्लिखित अंश

 

क्या होना चाहिए अगला कदम?

विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • परीक्षा प्रणाली को पूरी तरह डिजिटली सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जाए

  • महिला अभ्यर्थियों की सुरक्षा के लिए अलग से SOP जारी हों

  • निजी एजेंसियों के ठेके देने से पहले कड़ा मूल्यांकन और निगरानी तंत्र तैयार किया जाए

  • परीक्षा से संबंधित शिकायतों के लिए 24x7 हेल्पलाइन और जवाबदेह अधिकारी नियुक्त किए जाएं

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