उन्नाव | निपुण भारत समाचार | ग्राउंड रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले में एक बार फिर खनन माफिया और प्रशासनिक तंत्र की मिलीभगत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। निपुण भारत समाचार की टीम ने बीती रात एक स्टिंग ऑपरेशन के ज़रिए ऐसा दृश्य कैमरे में कैद किया जिसने शासन-प्रशासन की नीयत और कार्रवाई दोनों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। नवीन मंडी पुल के नीचे रात के अंधेरे में खुलेआम मिट्टी डाली जा रही थी — और उसकी निगरानी में मौजूद थे दो वर्दीधारी सिपाही।
इस पूरी गतिविधि को जब हमारे संवाददाताओं ने कैमरे में रिकॉर्ड किया, तो साफ़ नजर आया कि किस तरह खनन माफिया बेखौफ होकर रात में अवैध खनन करवा रहे हैं और पुलिस के जवान खुद उनके लिए सुरक्षा का घेरा बना रहे हैं। घटनास्थल पर किसी तरह की रोक-टोक नहीं, कोई सरकारी अधिकारी मौजूद नहीं, और न ही कोई डर — क्योंकि उन्हें भरोसा है कि 'सिस्टम' उनके साथ है।
लेकिन सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इस सनसनीखेज स्टिंग के बाद भी जिला प्रशासन पूरी तरह शांत है। न कोई जांच, न कोई बयान, और न ही दोषियों के खिलाफ कोई प्राथमिकी। निपुण भारत समाचार की इस रिपोर्ट के बाद जनता में रोष है, सोशल मीडिया पर गुस्से की लहर दौड़ रही है, लेकिन ज़िम्मेदार अधिकारियों ने मानो आंखें मूंद ली हैं।
खाकी का गिरता मान और सिस्टम की गिरवी पड़ी आत्मा
खनन माफिया वर्षों से सरकार और सिस्टम के बीच पल रहे हैं। रात के अंधेरे में डम्फर और ट्रैक्टरों का दौड़ना, मिट्टी का गिराया जाना और पुलिस की मौन स्वीकृति — यह सब केवल एक संकेत नहीं, बल्कि प्रमाण है कि उन्नाव में कानून अब जेब में बंद होकर रह गया है।
रात के अंधेरे में खदान माफिया और खाकी की मिलीभगत!
— Prashant Tiwari (@prashantddnews) July 3, 2025
ललऊ खेड़ा में दो सिपाही दे रहे थे अवैध खनन को सुरक्षा,
नवीन मंडी पुल के नीचे डाली गई मिट्टी,
प्रशासन तक पहुँच रही नोटों की गड्डी!
उन दो सिपाहियों के जल्द होगा खुलासा...
#Unnao #IllegalMining #KhakiMilawat @dgpup @myogiadityanath… pic.twitter.com/GYijPgXAZG
ललऊखेड़ा जैसे इलाकों में यह पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी कई बार मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसे मामलों की जानकारी दी गई, लेकिन हर बार कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति हुई। इस बार भी मामला उजागर हो चुका है, सिपाही कैमरे में कैद हो चुके हैं, डम्फर की पहचान हो चुकी है, लेकिन जिम्मेदार चुप हैं।
जनता के सवाल, प्रशासन की चुप्पी
अगर अब भी प्रशासन नही जागा तो इसका मतलब बिक गया है। @dgpup @unnaopolice @narendramodi https://t.co/FME2Lcznpq pic.twitter.com/Ju5GFyowOf
— Prashant Tiwari (@prashantddnews) July 3, 2025
अब जनता सवाल कर रही है —
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क्या उन्नाव में वर्दी अब सुरक्षा की नहीं, माफिया की सेवा की प्रतीक बन चुकी है?
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रात में बिना अनुमति मिट्टी डंपिंग कैसे संभव है?
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प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा?
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