100 करोड़ चाहिए स्टार्टअप के लिए!”: दहेज की क्रूर मांग और एक नवविवाहिता की दर्दनाक विदाई


तमिलनाडु के तिरुप्पुर में एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने समाज की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। एक नवविवाहिता, रिधन्या, जिसे उसके माता-पिता ने बड़े प्यार और सपनों के साथ विदा किया था, उसने दहेज की अमानवीय मांगों से तंग आकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। लेकिन इस बार दहेज की रकम ने देश को स्तब्ध कर दिया—ससुराल वालों ने शादी के बाद स्टार्टअप शुरू करने के लिए पूरे 100 करोड़ रुपये की मांग कर डाली। यह घटना केवल एक आत्महत्या नहीं, बल्कि उन क्रूर सामाजिक मानसिकताओं का प्रतिबिंब है जो आज भी महिलाओं को वस्तु समझती हैं।

रिधन्या की कहानी: सपनों से शुरुआत, आंसुओं से अंत

रिधन्या, एक प्रतिष्ठित गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के मालिक अन्नादुरई की बेटी थी। वह शिक्षित, सुंदर, और आत्मनिर्भर सोच वाली थी। इसी साल अप्रैल में उसकी शादी कविन कुमार नामक युवक से हुई थी। विवाह तय होने से लेकर बारात आने तक, हर रस्म में अन्नादुरई ने दिल खोलकर खर्च किया। उन्होंने दहेज में 300 सोवरेन (लगभग 2.4 किलोग्राम) सोना और ₹70 लाख की वोल्वो कार दी—लेकिन यह उनके लिए पर्याप्त नहीं था।


जब ‘स्टार्टअप कल्चर’ बन गया लालच की वजह

दहेज की मांग यहीं खत्म नहीं हुई। शादी के कुछ दिनों बाद ही रिधन्या को लगातार परेशान किया जाने लगा। ससुराल वालों की मांग थी कि बाकी 200 सोवरेन सोना और ₹100 करोड़ दिए जाएं ताकि कविन कुमार अपना खुद का स्टार्टअप शुरू कर सके। उन्होंने कहा कि आजकल अन्य दूल्हों को इतना दहेज मिल रहा है, तो उन्हें भी चाहिए। यह सोच इस बात की मिसाल है कि कैसे आधुनिकता के नाम पर लालच को वैधता दी जा रही है।


प्रताड़ना की वो रात – मौत का रास्ता चुना

शनिवार को रिधन्या मोंडिपलायम मंदिर जाने का कहकर घर से निकली थी। घंटों बाद पुलिस को एक कार मिली, जिसमें रिधन्या बेहोश पड़ी थी और उसके मुंह से झाग निकल रहा था। उसने कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली थी। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।


आखिरी संदेश: “मुझे यह लाइफ पसंद नहीं है”

रिधन्या ने आत्महत्या से पहले अपने पिता को सात वॉइस मैसेज भेजे। हर मैसेज में दर्द छलकता था। उसने बताया कि उसका पति और ससुराल वाले उसे प्रतिदिन मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे। एक मैसेज में उसने कहा, “मुझे यह लाइफ पसंद नहीं है। मैं इसे जारी नहीं रख सकती। आप और मां ही मेरी दुनिया हैं। मुझे माफ़ करना पापा, सब कुछ खत्म हो गया है।”


न्याय की लड़ाई: गिरफ्तारी और जांच

चेयूर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पति कविन कुमार, ससुर ईश्वरमूर्ति और सास चित्रादेवी को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ दहेज प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। अब यह मामला तिरुप्पुर के न्यायिक सिस्टम के सामने है और जांच जारी है।


पिता की व्यथा: “मैंने सोचा था वह एडजस्ट कर लेगी”

रिधन्या के पिता अन्नादुरई की आंखों में आंसू और दिल में पछतावा है। उन्होंने बताया कि रिधन्या शादी के 15 दिन बाद ही वापस घर आ गई थी और बेहद दुखी थी। उन्होंने उसे समझाया कि उसे एडजस्ट करना चाहिए, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि हालात इतने भयावह हैं। बाद में सास ने माफी मांगी, लेकिन हालात नहीं बदले। जब वह दोबारा ससुराल लौटी, तब तक वह पूरी तरह से टूट चुकी थी।

सवाल जो रह गए अनुत्तरित

  • क्या स्टार्टअप शुरू करने के नाम पर 100 करोड़ रुपये की मांग करना जायज है?

  • क्या समाज अब भी महिलाओं को आर्थिक सौदेबाज़ी का माध्यम मानता है?

  • क्यों आज भी दहेज जैसी कुप्रथा हमारे समाज में गहरी जड़ें जमाए हुए है?


समाज को अब जागना होगा

रिधन्या की आत्महत्या एक चेतावनी है—हमारे समाज की, हमारी सोच की और हमारी व्यवस्था की। जब एक पढ़ी-लिखी, प्रतिष्ठित परिवार की लड़की भी दहेज की भेंट चढ़ सकती है, तो सोचिए उन हजारों लड़कियों की क्या स्थिति होगी जो आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर पातीं। यह केवल एक परिवार की नहीं, पूरे देश की समस्या है।


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