साइबर फ्रॉड से हिला आयुष्मान भारत योजना: साचीज के वरिष्ठ अधिकारियों की आईडी से ₹9.94 करोड़ का फर्जी भुगतान, जांच शुरू


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बड़ा साइबर घोटाला सामने आया है, जिसमें स्टेट हेल्थ एजेंसी 'साचीज' के तीन वरिष्ठ अधिकारियों की ईमेल आईडी का दुरुपयोग कर ₹9.94 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान 39 निजी अस्पतालों को कर दिया गया। यह सारा लेन-देन रातोंरात किया गया, जिससे मामले की गंभीरता और भी बढ़ गई है।

क्या है मामला?

'साचीज' के नोडल अधिकारी डॉ. ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव की शिकायत पर हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, किसी अज्ञात व्यक्ति ने साचीज के लेखाधिकारी, मैनेजर, और सीईओ की ईमेल आईडी का इस्तेमाल करते हुए यह फर्जीवाड़ा किया। इन ट्रांजेक्शन के तहत 6239 लाभार्थियों के नाम पर भुगतान दर्शाया गया, जबकि प्रारंभिक जांच में ये नाम फर्जी पाए गए हैं।

पुलिस ने संभाली कमान

इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के अनुसार, पुलिस ने जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है और साचीज से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मांगे हैं, जिनमें शामिल हैं:

39 अस्पतालों की सूची जिन्हें भुगतान किया गया

लाभार्थियों की विस्तृत जानकारी

संबंधित ट्रांजेक्शन की डिटेल्स

जिन अधिकारियों की ईमेल आईडी का दुरुपयोग हुआ, उनके डिजिटल रिकॉर्ड

एजेंसी में कार्यरत कर्मचारियों की सूची

साचीज की आंतरिक जांच रिपोर्ट


वहीं, संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जल्द ही उनके बयान दर्ज किए जाएंगे।

साइबर सुरक्षा पर सवाल

यह घोटाला आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों की साइबर सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना अंदरूनी मिलीभगत या तकनीकी लापरवाही के इतने बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा संभव नहीं।

अस्पतालों की भूमिका भी संदिग्ध

जिन अस्पतालों को भुगतान किया गया है, उनकी भूमिका की गहन जांच की जा रही है। जांच एजेंसियों को शक है कि यह घोटाला सुनियोजित तरीके से किया गया, जिसमें कुछ निजी अस्पताल भी शामिल हो सकते हैं।

0 Comments