उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला: ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को मिलेगी सेवा नियमावली, स्थानांतरण और पदोन्नति का रास्ता होगा साफ

लखनऊ।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के गांवों में तैनात आउटसोर्स और अनुबंधित कर्मचारियों को राहत देने के उद्देश्य से एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इन कर्मचारियों को सेवा नियमावली देने का ऐलान किया है, जिससे उनकी कार्य स्थितियों में सुधार होगा और उन्हें विभिन्न प्रकार के लाभ मिल सकेंगे।

पंचायती राज विभाग द्वारा लगभग 16 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद ग्रामीण सफाई कर्मियों के लिए सेवा नियमावली तैयार की जा रही है। इससे न केवल कर्मचारियों की नियुक्ति, स्थानांतरण और पदोन्नति जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित होंगी, बल्कि उन्हें वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा भी प्राप्त होगी। राज्य भर में गांवों और उनके आस-पास स्वच्छता कार्यों में लगे लगभग एक लाख से अधिक कर्मचारियों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

अभी तक सेवा नियमावली न होने की वजह से सफाई कर्मियों को कई बार मनमानी कार्रवाइयों का सामना करना पड़ता था और उन्हें अपनी बात रखने का अवसर भी नहीं मिलता था। अब सरकार द्वारा नियमों के तहत अनुशासन की शर्तें तय की जाएंगी। अगर कोई कर्मचारी नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ तय प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई होगी, वहीं कर्मचारियों को अपने पक्ष को रखने का पूरा अवसर मिलेगा।

इस महत्वपूर्ण योजना को लागू करने के लिए पंचायती राज विभाग ने संयुक्त निदेशक एस.एन. सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी अगले 15 दिनों के भीतर सेवा नियमावली के मसौदे को तैयार कर शासन को भेजेगी। इसके बाद कर्मचारियों को लाभ मिलने का रास्ता और स्पष्ट हो जाएगा।

प्रदेश पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के महामंत्री रामेन्द्र ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, “पिछले कई वर्षों से ग्रामीण सफाई कर्मियों की सेवा नियमावली की मांग की जा रही थी। अब जाकर हमारी वर्षों की तपस्या रंग लाई है। यह हमारे लिए किसी तोहफे से कम नहीं है।” उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2008 में पंचायती राज विभाग द्वारा करीब 1.8 लाख ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को स्थायी किया गया था, लेकिन तब से अब तक सेवा नियमावली नहीं बनाई गई थी।

सरकार के इस फैसले से प्रदेश के लाखों ग्रामीण सफाई कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है और उम्मीद की जा रही है कि इससे उनके कार्यक्षेत्र में स्थायित्व और सम्मान दोनों की स्थिति मजबूत होगी।

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