विनीत द्विवेदी, ब्यूरो प्रयागराज।
प्रयागराज! वही माँ का शिखा जायसवाल का कहना है, "मेरी बिटिया का सपना था बड़ी होकर पुलिस ऑफिसर बनना बहुत काबिल थी, मेरी बेटी पढ़ने में भी काफी होशियार रही शुरु से, लेकिन स्कूल की अध्यापिका ने उसे फोन कर के इतना धमकाया कि वह भयभीत हो गई। मेरी डरी हुई बेटी ने आत्महत्या कर ली। मेरी बेटी की एकमात्र गलती थी कि उसने टीचर का डांस वाला वीडियो खुद के व्हाट्सएप स्टेटस पर लगाया था, जिसमे वह खुद कई छात्राओं के साथ थी। अंदाजा नहीं था कि व्हाट्सएप का स्टेटस उसके गले का फंदा बन जाएगा।"
यह कहते हुए मां शिखा की आंखें भर आई। दरअसल, बीते 8 सितंबर को राजापुर के सर्कुलर स्थित रहने वाली लवकुश जायसवाल की 17 साल की नाबालिग बेटी पलक ने फंदे पर लटककर सुसाइड कर लिया।
उन्होंने बताया की बेटी की मौत के बाद स्कूल प्रशासन और टीचर के खिलाफ FIR दर्ज करने का प्रयास किया। लेकिन, अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। और अब वह स्कूल प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठने की तैयारी में है।
टीचर ने कहा था स्कूल से नाम कटवा दूंगी तुम्हारा...
छात्रा की मां ने बताया, किसी अन्य छात्र के जरिए जब मैडम को यह बात पता चली, तो वह नाराज हो गई। उन्होंने मुझे कॉल किया। वह नाराज होने लगीं। मैं उस समय दूसरे के घर काम करने गई थी। मैडम के कहने पर मैंने अपने मकान मालकिन का नंबर दे दिया, क्योंकि वह पलक से बात करना चाहती थीं।
टीचर ने मकान मालिक के फोन से पलक से बात की। मुझे बाद में पता चला कि पलक को उन्होंने जमकर फटकारा। पलक ने मेरे घर पहुंचने के बाद मुझे इस बारे में बताया। मैडम ने पलक से कहा था कि मेरा वीडियो स्टेटस पर क्यों लगाया? अब तुम्हारा नाम हम कटवा कर स्कूल से बाहर करवा देंगे।"
बहुत डर गई थी छात्रा पलक, आंखें भर आई थी
उन्होंने बताया,"मैडम से बात करने के बाद पलक रोने लगी थी। शुक्रवार को वह स्कूल नहीं गई। दोपहर में छोटा भाई घर लौटा, तो कमरे का दरवाजा बंद था। धक्का देने पर दरवाजा खुल गया। अंदर का मंजर देख वह चीखते हुए बाहर निकला तो पड़ोसी जुट गए।
कमरे में दुपट्टे के फंदे से पलक लटकी दिखी। सूचना पर राजापुर चौकी की पुलिस आ गई। पलक की फंदे पर लटकने से मौत हो चुकी थी। कमरे में एक फिल्मी गाना भी बज रहा था। हम पलक को लेकर अस्पताल भी पहुंचे, लेकिन उसको बचाया नहीं जा सका।''
कैंट पुलिस दर्ज नहीं कर रही है FIR
पलक के पिता सिविल लाइन्स में बाटी चोखा की दुकान लगाते हैं। वह बताते हैं, "कैंट थाने में मैडम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। टीचर के पति रुपए लेकर समझौता करने की बात कह रहे हैं। वह कहते हैं कि उनकी बेटी पढ़ने में बहुत तेज थी। उनका सपना था कि बेटी पढ़कर अफसर बने। मैडम ने स्कूल से निकालने की धमकी दी थी, जिससे वह भयभीत हो गई। वह हम लोगों को छोड़कर हमेशा के लिए चली गई।"
0 Comments