कोलकाता:
फिल्मी पर्दे पर कभी नायक तो कभी डांसिंग सुपरस्टार के तौर पर पहचाने जाने वाले मिथुन चक्रवर्ती अब पश्चिम बंगाल की राजनीति में हिंदुत्व के नए चेहरे के रूप में उभर कर सामने आ रहे हैं। मुर्शिदाबाद में वक्फ अधिनियम के विरोध के दौरान भड़की हिंसा के बाद मिथुन ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बड़ा हमला बोला है और TMC सरकार को हिंदुओं के लिए खतरा बताया है।
🎤 ममता पर सीधे आरोप
मिथुन ने कहा, “मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद बंगाली हिंदू बेघर हो गए हैं। उनके पास छत नहीं है, और वे खिचड़ी खाने को मजबूर हैं। यह कैसी सरकार है, जो अपनी ही प्रजा को सुरक्षित नहीं रख सकती?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस हिंसा में हिंदू कारोबारियों को निशाना बनाया गया।
🧱 नक्सलबाड़ी से भगवा धारण तक
कॉलेज के दिनों में नक्सल आंदोलन से जुड़े रहे मिथुन चक्रवर्ती कभी चारू मजूमदार के करीबी माने जाते थे। लेकिन भाई की मौत के बाद उन्होंने नक्सली विचारधारा से खुद को अलग किया और एक्टिंग की दुनिया की ओर रुख किया। एफटीआईआई पुणे से अभिनय की शिक्षा लेकर वह हिंदी और बंगाली सिनेमा के सुपरस्टार बने।
🔄 राजनीतिक सफर: चार पार्टियों से जुड़े
मिथुन का राजनीतिक सफर भी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं रहा। वामपंथी विचारधारा से शुरुआत करने वाले मिथुन ने 2014 में TMC का दामन थामा और राज्यसभा सांसद बने। लेकिन 2016 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। 2021 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ले ली।
🗳️ बीजेपी में हिंदुत्व का चेहरा
बीजेपी में आने के बाद मिथुन पूरी तरह हिंदुत्व के रंग में रंग गए। उन्होंने कहा था, “2026 में अगर भाजपा नहीं आई तो बंगाल में हिंदुओं का रहना मुश्किल हो जाएगा।” उन्होंने रामराज्य की बात की और हिंदुओं को एकजुट होकर मतदान करने की अपील की। सुवेंदु अधिकारी और सुकांता मजूमदार के साथ मिलकर मिथुन बीजेपी की हिंदुत्व तिकड़ी का अहम हिस्सा बन चुके हैं।
🧨 TMC और विपक्ष का पलटवार
TMC सांसद सौगत रॉय ने मिथुन पर तंज कसते हुए कहा कि वह “चार बार पार्टियां बदल चुके हैं और अब बीजेपी में केवल ईडी से डर के मारे शामिल हुए हैं।” TMC ने उनके बयानों को “सस्ती लोकप्रियता” और “वोटबैंक साधने की कोशिश” करार दिया है।
🏛️ राष्ट्रपति शासन की मांग
मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा, “अब बंगाल में हिंदू एकजुट हो चुके हैं, और ममता बनर्जी को कोई नहीं बचा सकता।
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